Sant Shri Asharamji Bapu explains- How do affection & blessings come in abundance from our parents?

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With the inspiration of Sant Shri Asharamji Bapu, Parents Worship Day was conducted at Bengaluru Ashram, Bengaluru-(Karnataka) on 18th Feb 2023.

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प्रेम से परितृप्त हो आँखों से बह चली- अश्रुधारा...

बेंगलुरु: माता- पिता का आदर करने वाले चिर आदरणीय हो जाते हैं। उनकी आयु, विद्या, यश और बल यह चार चीजें बढ़ती हैं। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मना कर पतन की खाई में जा रही, युवा पीढ़ी को पूज्य संत आशारामजी बापू ने एक उत्तम उपहार दियें। विश्व मानव के उज्जवल भविष्य के लिए किये इसी स्वर्णिम संकल्प को फ़ैलाने हेतु संत श्री आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों व अन्य सामाजिक स्थलों में मातृ- पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 90 से अधिक स्कूलों में आयोजन हो चूका है (इनकी झलकियाँ आश्रम के वेबसाइट में देख सकते है) व इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए- संत आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु में मातृ- पितृ पूजन दिवस का भव्य आयोजन- 18 फ़रवरी हुआ।

पूज्य बापूजी अपने सत्संग वचनामृत में कहते हैं- 'मातृ- पितृ पूजन दिवस' इस दिन बच्चे अपने माता-पिता का पूजन कर उनका आदर सत्कार करेंगे तो निश्चित तौर पर वे एक महान नागरिक बनेंगे। नादान है वह लोग जो उनका अपमान करते हैं। वे तो ऐसे रत्न हैं, जिनका देवता भी सम्मान करते हैं। वे पिता अपने बच्चे की हर गलती को माफ कर हमेशा उसका हित ही चाहते हैं। बच्चे अपने माता-पिता का पूजन करते हैं तो इससे उनका का हृदय तो गदगद हो जाता है। साथ ही बच्चे का हृदय भी पवित्र होता है इसलिए उन्होंने 14 फरवरी 2007 से मातृ- पितृ पूजन दिवस का शंखनाद किया।

कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना व दीप प्रज्वलन से हुई जिसमें बच्चों ने अपने माता-पिता को तिलक किया व जिनके माता-पिता नहीं आयें थे, उन्होंने गुरूजी के श्रीचित्र की अर्चना की। उन्हें फूल की माला पहनाई, आरती उतारी, उनकी प्रदक्षिणा की एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त कर उनका मुंह मीठा किया। माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठें और बच्चों ने यह संकल्प किया कि- वे हर 14 फरवरी को इसी प्रकार अपने माता-पिता का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेंगे। अंत में पूज्य बापू जी की मंगल आरती कर प्रसाद वितरित किया गया।

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