Celebration of Gurupurnima-2024 at Bengaluru Ashram.
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Here are the highlights & glimpses of the #RishiPrasad Jhanki event held at the #Bengaluru #Ashram on #GuruPurnima #गुरुपूर्णिमा & #RishiPrashadJayanti i.e. on 21.07.2024.
— Ashram Bengaluru🛕 (@AshramBlr) July 28, 2024
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गुरु पूर्णिमा पर बेंगलुरु आश्रम में उमड़ा जन सैलाब
गुरु की ऊंचाई और शिष्य की श्रद्धा के संगम का पर्व- गुरु पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा)
बेंगलुरू: गुरु पूर्णिमा गुरुभक्तों का सबसे बड़ा पर्व है, इस दिन शिष्य अपने सद्गुरु के चरण कमलों की पूजा करके पूरे वर्षभर के पूर्णिमा व्रत का फल पा लेते हैं। आदिशक्ति माँ बनशंकरी पार्वती मंदिर के क्षेत्र सेकंड स्टेज में स्थित संत आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु में 21 जुलाई (रविवार) को गुरु पूर्णिमा का महापर्व व ऋषि प्रसाद जयंती भक्तों के द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया गया।
सुदूर क्षेत्रों से भक्तों का आना दो दिन पूर्व से जारी था। इस वर्ष आश्रम में आने वाले भक्तों की संख्या गत वर्षों की तुलना में कई गुना थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो आश्रम में जनसैलाब उमड़ पड़ा हो। आश्रम संचालक दीपक नायक ने बताया कि- आज का दिन साधकों के लिए विशेष दिन होता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। आज का दिन व्यास तत्व, गुरु तत्व के चिन्तन और सुमिरन करके तत्वज्ञान प्राप्त करने का दिन है। सच्चे सुख देने की व्यवस्था करने वाले व्यास की स्मृति करके हम अपने अंतरात्मा के सच्चे सुख को पाने की यात्रा करें, यही व्यासपूर्णिमा के पर्व का उद्देश्य है। शास्त्रों में आता है कि- आज के दिन किया गया, जप- ध्यान, भजन- पूजन और सेवा अनन्तगुना फलदायी होती है। आश्रम में सुबह सर्वप्रथम विश्व शांति हेतु व पूज्य बापूजी के उत्तम स्वास्थ्य हेतु महामृत्युंजय मंत्र के जप सहित ससंकल्प हवन किया गया। उसके बाद षोडशोपचार द्वारा पादुका पूजन हुआ, वहीं ऋषि प्रसाद महाग्रंथ की 34वीं जयंती मनाई गई, तत्पश्चात श्री आशारामायण जी का सामूहिक संगीतमय पाठ किया गया। फिर भजन- कीर्तन पर भक्त खूब नाचे- झूमे तथा वीडियो सत्संग का लाभ लिया। आश्रम में कई दैवीय कार्य सम्पन्न हुए। अंत में आरती के उपरांत आश्रम ट्रस्ट की तरफ़ से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
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