MPPD 24-25 at Yogeshwarananda School, Halsuru.
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Join Parents Worship Day Program at Yogeswarananda School, Ramakrishna Math, Halsuru, Bengaluru, celebrated on 14th February 2025, inspired by Sant Shri Asharamji Bapu.
Parents Worship Day vs. Western Influences: Parents Worship Day serves as a powerful antidote to the growing influence of Western culture, which often prioritizes materialism and self-centeredness.
मातृ-पितृ पूजन दिवस का भव्य आयोजन बेंगलुरु आश्रम द्वारा योगेश्वरानंद स्कूल, ह्ल्सुरु में...
बेंगलुरु: माता- पिता का आदर करने वाले चिर आदरणीय हो जाते हैं। उनकी आयु, विद्या, यश और बल यह चार चीजें बढ़ती हैं। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मना कर पतन की खाई में जा रही, युवा पीढ़ी को पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने एक उत्तम विकल्प दियें। विश्व मानव के उज्जवल भविष्य के लिए किये इसी स्वर्णिम संकल्प को फ़ैलाने हेतु संत श्री आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों व अन्य सामाजिक स्थलों में मातृ- पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 60 से भी अधिक स्कूलों में आयोजन हो चूका है (इनकी झलकियाँ आश्रम के वेबसाइट में देख सकते है) व इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए- 14 फरवरी (शुक्रवार) को रामकृष्ण मठ, हल्सुरु में स्थित योगेश्वरानंदा स्कूल में मातृ-पितृ पूजन दिवस का भव्य आयोजन हुआ।
बेंगलुरु आश्रम संचालक- दीपक नायक ने बताया की पूज्य बापूजी बताते है-'मातृ-पितृ पूजन दिवस' इस दिन बच्चे अपने माता-पिता का पूजन कर उनका आदर सत्कार करेंगे तो निश्चित तौर पर वे एक महान नागरिक बनेंगे। नादान है वह लोग जो माता-पिता का अपमान करते हैं। माता-पिता तो वे रत्न हैं, जिनका देवता भी सम्मान करते हैं। माता-पिता अपने बच्चे की हर गलती को माफ कर हमेशा उसका हित ही चाहते हैं। बच्चे अपने माता-पिता का पूजन करते हैं तो इससे माता-पिता का हृदय तो गदगद हो जाता है, साथ ही बच्चे का हृदय भी पवित्र होता है इसलिए उन्होंने 14 फरवरी 2007 से मातृ-पितृ पूजन दिवस का शंखनाद किया।
कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना व दीप प्रज्वलन से हुई जिसमें बच्चों ने अपने माता-पिता को तिलक किया। उन्हें फूल की माला पहनाई, आरती उतारी, उनकी प्रदक्षिणा की एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त कर उनका मुंह मीठा किया। माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठें और बच्चों ने यह संकल्प किया कि- वे हर 14 फरवरी को इसी प्रकार अपने माता-पिता का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेंगे। अंत में पूज्य बापू जी की मंगल आरती कर प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम में सहयोग हेतु सेक्रेटरी व प्रधानाचार्य- मनोरंजिता माता, उपप्रधानाचार्य- शांतम्मा व सभी शिक्षकों को आश्रम की तरफ़ से मोमेंटो- उपहार, तुलसी पौधे व सत्साहित्य दिए गए, उन्होंने आश्रम के इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। बच्चों के लिए भी आश्रम की तरफ़ से प्रसाद व आश्रम के सत्प्रेरक- सत्साहित्य बांटे गए।
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