Gopashtami-2024 at Bengaluru Ashram.
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Disciples of Sant Shri Asharamji Bapu celebrated #Gopashtami2024 very enthusiastically at #Ashram #Bengaluru on 9.11.2024 by worshiping #MotherCow.
संत श्री आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु में 'गोपाष्टमी' पर्व का आयोजन हुआ।
बेंगलुरु: गार्डन सिटी बेंगलुरु के बनशंकरी में स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम में "गोपाष्टमी" पर्व का आयोजन किया गया। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी "गोपाष्टमी" निमित्त संत श्री आशारामजी बापू के साधकों की भीड़ सुबह से ही आश्रम में आ चुकी थी। सभी ने प्रात:काल से ही गौमाताओं को स्नान कराया था। दोपहर में सभी श्रद्धालुओं ने गौ संरक्षण हेतु हुये यज्ञ- हवन के पश्चात गंध- धूप, पुष्पादि से वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा गौमाता की पूजा-अर्चना आदि की । आश्रम में गौ माताओं को वस्त्राभूषणों से अलंकृत करके गौ पूजन, गौ- ग्रास, गौ- आरती, परिक्रमा, दान-पुण्य आदि विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी साधकों ने गौ-प्रदक्षिणा की एवं उनकी चरण रज को माथे पर धारण किया। चूँकि गौमाता हम सभी की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक समरसता और आस्था की प्रतीक हैं। अतः मान्यता है की- गोपाष्टमी पर्व से प्रेरित होकर जो गोपालन, गो-सेवा व गो-रक्षा का प्रण लेता है उसका जीवन धन्य हो जाता है और जीवन की हर मनोकामना पूरी होती है। बेंगलुरु आश्रम संचालक- दीपक नायक ने बताया की- पूज्य संत श्री आशारामजी बापू अपने सत्संग में बताते हैं, गोपाष्टमी का महत्व- सनातन धर्म में गाय, गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन व गोविंद पूज्य हैं। शास्त्र कहते हैं कि सर्वे देवाः स्थिता देहे सर्व देवमयी हि गौ अर्थात गाय की देह में समस्त देवी-देवताओं का वास है। अतः यह सर्वदेवमयी है। गाय के गोबर में लक्ष्मी, गोमूत्र में भवानी, चरणों में देवता, रंभाने में प्रजापति और थनों में समुद्र बसते हैं। पद्म पुराण के अनुसार गौमुख में चारों वेदों, सींगों में शंकर व विष्णु, उदर में कार्तिकेय, मस्तक में ब्रह्मा, ललाट में रुद्र, नेत्रों में सूर्य व चंद्र आदि तैंतीस कोटी देवी-देवता विराजमान हैं। बताया कि गोपाष्टमी पर व्रत रखकर गाय की पूजा अर्चना करने से गोविंद की कृपा मिलती है। वास्तव में गोपाष्टमी गाय के पूजन का पवित्र दिन है।
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