Bhandara at Vidyagokula Seva Orphanage, Yehlanka.

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Bhandara and distributed essentials at Vidyagokula Seva Orphanage, Sanganayakanhalli, Near Navachetana School, Yehlanka, Bengaluru on 11th Nov 2023.

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विद्यागोकुला अनाथाश्रम में संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट द्वारा दीपावली पर्व के निमित्त कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

बेंगलुरु: सिलिकान सिटी- बेंगलुरु के बनशंकरी में स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट, बेंगलुरु द्वारा विद्यागोकुला सेवा अनाथाश्रम, येह्लंका, बेंगलुरु में दीपावली पर्व के निमित्त बच्चों के अनाथाश्रम में भंडारे के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

परोपकारी कौन है? हेतु रहित जग जुग उपकारी। तुम्ह तुम्हार सेवक असुरारी॥

वचन मन काया मन वाणी और कर्म का एक रंग होना संत का लक्षण है अगर मन वाणी और कर्म में भेद है तो यह कुटिलता है! (तुलसी जी कृत वैराग्य-संदीपनी) पिछले 50+ सालों से अनवरत आज भी उनकी यह संत श्री आसारामजी आश्रम ट्रस्ट देश-समाज और संस्कृति के उत्थान का कार्य कर रही है। आश्रम ट्रस्ट द्वारा अवगत कराया गया की उनके पूज्य गुरुदेव से मिलें संस्कारों से प्रेरित होकर उनके साधक, समाजरूपी देवता की सेवा का एक भी मौका चूकते नहीं हैं। जहां लोग अपने घरों में दीपावली मनाते है, वहीं प्रतिवर्ष आशारामजी बापू के साधक जरूरतमंद क्षेत्रों में जाकर, उनकी दीपावली भी अच्छी बनें इसलिए आवश्यक सामग्री के वितरण कार्यक्रम करते हैं।

भारत की राष्ट्रीय एकता-अखंडता और विश्व शांति के लिए संत श्री आशारामजी बापू ने राष्ट्र के कल्याणार्थ अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं की प्रेरणा से हर साल दीपावली पर देशभर में जगह-जगह पर अनगिनत सेवाकार्यों की फुलझड़ियाँ लगाई जाती हैं। भगवन्नाम संकीर्तन यात्राओं के साथ वृद्धाश्रमों, अनाथालयों व अस्पतालों में निःशुल्क औषधि, फल व मिठाई वितरित की जाती है। हजारों जरूरतमंद के लिए विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है। जिसमें मिठाई, कपड़े, खजूर, कम्बल, अनाज, चप्पल आदि सामग्री के साथ दक्षिणा इत्यादि दी जाती हैं। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी संत आशारामजी बापू आश्रम ट्रस्ट, बेंगलुरु द्वारा दीपावली निमित्त विद्यागोकुला सेवा अनाथाश्रम, संग्नयाकंहल्ली, नवचेतना शाला के पास, येह्लंका, बेंगलुरु में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिनमें वहां के बच्चों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गये, उन्हें ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा योग व उच्च संस्कार कार्यक्रम के साथ जीवनोपयोगी कुंजियाँ भी बताई गई, कार्यक्रम के अंत में बच्चों में भोजन- प्रसादी तथा उनकी संस्था (अनाथाश्रम) में ट्रस्ट की तरफ़ से मिठाई, राशनकिट, और जीवनोपयोगी सामग्री आदि का वितरण किया गया।

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