Mahila Samiti gave a memorandum to Commissioner, Distt. Magistrate & Tahsildar.
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Mahila Samiti gave a memorandum to~ Commissioner, Distt. Magistrate & Tahsildar.
Women Of India are standing firmly in favour of Sant Shri Asharamji Bapu.#नारी_शक्ति of #Bangalore Break The Silence & submitted memorandum to District Magistrate & Tehsildar & reminded them about the initiatives taken by Bapuji for women empowerment.https://t.co/k27fN9Vj7P pic.twitter.com/FqqyVh4ETR
— Ashram Bengaluru🛕 (@AshramBlr) March 8, 2023
विश्व महिला दिवस पर महिला उत्थान मंडल, बेंगलुरु की बहनों ने बापूजी की रिहाई की मांग की…
बेंगलुरु: पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल, बेंगलुरु द्वारा 8 मार्च- विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में जिला कमिश्नर व मजिस्ट्रेट को बापूजी की रिहाई के लिए ज्ञापन दिया गया । महिला समिति- बेंगलुरु के द्वारा यह संदेश दिया गया कि- लोकहित में अपना पूरा जीवन अर्पित करनेवाले संयममूर्ति ऐसे महापुरुष को षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों में फँसाया गया है। इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी सीधा प्रमाण नहीं है फिर भी पूज्य बापूजी को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। इसी प्रकार एक अन्य सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दूसरे केस में अहमदाबाद की एक महिला को मोहरा बनाकर बापूजी को झूठा फँसाया गया है। लड़की के अलग-अलग बयानों में अनेकों विसंगतियाँ होते हुए भी 10 वर्ष से पूज्य बापूजी जेल की यातनाओं को सहते हुए प्रतीक्षारत हैं । लेकिन आखिर यहाँ के भी झूठे- बनावटी केस में बापूजी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी है। एक लड़की के सभी झूठे आरोपों को सत्य मानकर देश-विदेश की लाखों-लाखों महिलाओं की सच्ची आवाज को अनसुना किया जा रहा है ! आखिर क्यों ?
उन्होंने कहा कि- “विश्व की 4 प्राचीन संस्कृतियों में से केवल भारतीय संस्कृति ही अब तक जीवित रह पायी है और इसका मूल कारण है कि संस्कृति के आधारस्तम्भ संत-महापुरुष समय-समय पर भारत-भूमि पर अवतरित होते रहे हैं लेकिन आज निर्दोष संस्कृति रक्षक संतों को अंधे कानूनों के तहत फँसाया जा रहा है ।“
ज्ञापन में निर्दोष संतों पर हो रहे षड्यंत्र की भर्त्सना करते हुए महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि 'संत श्री आशारामजी बापू ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक कार्य किये हैं। महिलाओं में आत्मबल, आत्मविश्वास, साहस, संयम-सदाचार के गुणों को विकसित करने के लिए महिला उत्थान मंडलों का गठन किया है, जिससे जुड़कर कई महिलाएँ उन्नत हो रही हैं। बापूजी ने संस्कृति-रक्षा, संयम-सदाचार एवं ब्रह्मविद्या, गीता-भागवत के प्रचार-प्रसार में अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया। मातृ-पितृ पूजन दिवस, तुलसी पूजन दिवस, वसुधैव कुटुम्बकम् व सर्वेभवन्तु सुखिनः, असतोमा सद्गमयं जैसी लुप्त हो रही परम्पराओं को पुनः आरम्भ कर भारतीय संस्कृति के उच्च आदर्शों को पुनर्जीवित किया है । अतः हम करोड़ों बहनें जो उनके समर्थन में खड़ी हैं, हमारी आवाज को क्यों नहीं सुना जा रहा है ? आजकल सोशल मीडिया पर जो लगातार ट्विटर ट्रेंड चलाये जा रहे हैं उनको भी नजरअंदाज किया जा रहा है । निर्दोष संत को 10 साल से जेल में रखना भारत देश में एक शर्मनाक कृत्य है । महिला समिति की बहनों ने बताया कि देश भर में महिला मंडल द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु 'चलें स्व की ओर'... महिला शिविर का आयोजन, बेटी बचाओ अभियान, तेजस्विनी अभियान, आध्यात्मिक जागरण हेतु युवती एवं महिला संस्कार सभाएं, दिव्य-शिशु संस्कार अभियान, निःशुल्क चिकित्सा सेवा, चल चिकित्सा सेवा, मातृ-पितृ पूजन दिवस, कैदी उत्थान कार्यक्रम, घर-घर तुलसी लगाओ अभियान, गौ-संवर्धन व हर अमावस्या पर गरीबों में भंडारे, दीपावली पर दरिद्रनारायण सेवा आदि समाजोत्थान के कार्य किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ये सारे दैवी सेवाकार्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से चलाए जाते हैं ।
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