The Inspiring Traditions of Pongal-2025 Celebration in Bengaluru Ashram.
News Coverage
News Summary
With the inspiration of Sant Shri Asharamji Bapu; Ashram Bengaluru organized a Pongal- Makar Sankranti celebration on 12th Jan, 2025.
संत श्री आशारा मजी आश्रम, बेंगलुरु में मनाया गया- पोंगल पर्व
बेंगलुरु: संत श्री आशारामजी आश्रम, बेंगलुरु में 12 जनवरी (रविवार) को पोंगल का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। उत्तर भारत के मकर संक्रांति त्योहार को ही दक्षिण भारत में 'पोंगल' के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार गोवर्धन पूजा, दिवाली और मकर संक्रांति का मिला-जुला रूप है। पोंगल विशेष रूप से किसानों का पर्व है। दक्षिण भारत में सूर्य के उत्तरायण होने वाले दिन पोंगल से ही नववर्ष का आरंभ माना जाता है।
बेंगलुरु आश्रम संचालक- दीपक नायक ने बताया की- दक्षिण भारत में धान की फसल समेटने के बाद लोग खुशी प्रकट करने के लिए पोंगल का त्योहार मनाते हैं और भगवान से आगामी फसल के अच्छे होने की प्रार्थना करते हैं। समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप, सूर्य, इन्द्रदेव तथा खेतिहर मवेशियों की पूजा और आराधना की जाती है। उन्ही सब पद्धितियों का पालन करते हुए, सांकेतिक पूजा अर्चन का कार्यक्रम पंडित- किशोर राजपुरोहित के द्वारा के द्वारा आश्रम में रखा गया था। इस त्योहार पर गाय के दूध के उफान को बहुत महत्व दिया जाता है। इस हेतु से कलश पूजन पश्चात दूध को उफान सहित पकाया गया जिसका सांकेतिक कारण बताया गया कि जिस प्रकार दूध का उफान शुद्ध और शुभ है, उसी प्रकार प्रत्येक प्राणी का मन भी शुद्ध संस्कारों से उज्ज्वल होना चाहिए।
इस कार्यक्रम में बापूजी के समिति सदस्यों सहित अनुयायिओं ने भाग लिया व संकल्प लिया की- इस मकर संक्रांति के सम्यक् क्रांति वाले संदेश का क्रियान्वन करेंगे, लड़-झगड़ के क्रांति नहीं, विधिवत् सबके उत्थान और मंगल की दिशा में ले जानेवाले जो विचार हैं, उन विचारों को ही प्रचारित– प्रसारित करेंगे। पंडित- ऋषिकेश मस्किकर ने बताया की- इस दिन से सूर्य की गति उत्तर की तरफ हो जाती है, अंधकार कम होता चला जाता है, प्रकाश बढ़ता जाता है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा ज्ञान-प्रकाश की, आत्मसुख की आराधना- उपासना की है। तप, त्याग का संदेश दे के जीव को ब्रह्मत्व की यात्रा करानेवाला पावन दिवस है- मकर संक्रांति- पोंगल। अंत में ट्रस्ट की तरफ़ से सबके लिए पोंगल भोज का आयोजन किया गया।
Also Read...
This News is Often associated with below Tags!
Humanize the Effort!
Do you think its helpful for you?
You can help others too. Simply click below buttons to Tweet, Share or Send this on Twitter,Facebook, Whatsapp or Telegram. It's Free!