Gaugrass Seva at Chandapura, Electronic city.
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Care, that Counts…!
Cow protection is the eternal Dharma of India.
"Gau Grass Seva" Activity organized by Sant Shri Asharamji Bapu Ashram Trust #Bangalore at Nanda Nandi Gaushala, Chandapura, #Bengaluru on 7th Jan. 2023.
Join the noble cause i.e. to Serve & Feed Cows.
Gaumata is a symbol of welfare and prosperity.
— Ashram Bengaluru🛕 (@AshramBlr) January 16, 2023
Sant Shri Asharamji Bapu Ashram Trust #Bangalore organized "Gau Grass Seva" at Nanda Nandi Gaushala, Chandapura, #Bengaluru #Karnataka on 7th Jan 2023.
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संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट, बेंगलुरु द्वारा हुई गौ-ग्रास सेवा
7.1.23: बेंगलुरु: संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट की तरफ़ से प्रति पूर्णिमा की गौग्रास सेवा के संकल्प हेतु इस पौष पूर्णिमा पर चंदापुरा, इलेक्ट्रॉ निक सिटी, बैंगलोर में स्थित नंदा नंदी गौशाला में सेवा हुई। सेवा के प्रारंभ में सभी ने गौमाताओं को गंध-धूप, पुष्पादि से वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा पूजा-अर्चना आदि की। गौ माताओं का पूजन, गौ-आरती, परिक्रमा, दान-पुण्य आदि कर सभी साधकों ने गौ-प्रदक्षिणा की एवं उनकी चरण रज को माथे पर धारण किया ।
चूँकि गौमाता हम सभी की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक समरसता और आस्था की प्रतीक हैं। अतः मान्यता है की- जो गोपालन, गो-सेवा व गो-रक्षा का प्रण लेता है उसका जीवन धन्य हो जाता है और जीवन की हर मनोकामना पूरी होती है।
हमारी भारतीय संस्कृति और धर्म में गौमाता को विशेष महत्व दिया गया है। गौं को हमारी संस्कृति में "पवित्र" माना जाता है और हमारे देश के संस्कारों में गौं का सम्मान किया जाता है। हालांकि, हमारे देश में गौमाता के स्वास्थ्य और सुरक्षा में अहम समस्याएं हैं। गौमाता को बेहद ही कठिन शरीरी मुद्दों से सामना पड़ता है इसलिए, गौ सेवा एक ऐसा अभियान है- जो गौमाता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए होता है।
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू अपने सत्संग वचनामृत में बताते हैं की-"जीवन में गीता और गाय का जितना आदर करेंगे उतने स्वस्थ, समतावान और आत्मवान बन जायेंगे। बच्चों को देशी गाय का दूध पिलाओ, गाय पालो, गायों की सेवा करो। जैसे वृद्ध माँ की सेवा करते हैं ऐसे बूढ़ी गायों की भी सेवा करो, इससे आपको कोई घाटा नहीं पड़ेगा । तो आप लोग गोदुग्ध से, गौ-गोबर से, गोमूत्र से स्वास्थ्य- लाभ उठाइये, कसाईखाने में गाय जाय उसकी अपेक्षा गाय पालना शुरू कर दो गाय जहाँ बँधती है, उधर टी.बी और दमे के कीटाणु नहीं पनपते हैं। आपके घर-मोहल्ले में गाय का जरा चक्कर लगवा दो तो भूत-प्रेत, डाकिनी शाकिनी की बाधा दूर हो जाती है; ऐसा कहा गया है।"
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