[MUST TO HAVE] Top 5 Practical Useful Learnings for Anyone, Directly from Bapu Ji

News Coverage

News Summary

जाने-माने संत आसाराम जी बापू के सान्निध्य में दो दिवसीय गुरुपूर्णिमा महोत्सव बुधवार से मेकरी सर्कल के पास पैलेस ग्राउंड परिसर के गायत्री विहार में शुरू हुआ।

सुबह सात बजे से ही श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह साढ़े सात बजे बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संत आसारामजी बापू का स्वागत किया गया। कार्यक्रम स्थल गायत्री पैलेस पर बापू का कर्नाटक की परम्परा के अनुसार वेद वाक्यों के साथ स्वागत किया गया।

आसाराम जी बापू ने स्टेज से अपने जाने पहचाने अंदाज में श्रद्धालुओं का स्वागत किया और कुशलक्षेम पूछी। बापू ने अपने प्रवचन में ओमकार मंत्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ओमकार मंत्र संसार का सबसे ठोस तत्व है, यह परमात्मा की स्वाभाविक ध्वनि है। ओमकार मंत्र सभी मंत्रों का सेतु है।

यंत्र से भी मंत्र अधिक प्रभावशाली होता है। प्रतिदिन शांत मन से ओमकार मंत्र जाप करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है|

संत आसारामजी ने बताया कि अमेरिका में इस मंत्र पर शोध किया गया और पाया कि ओमकार के गुंजन से शरीर में विभिन्न बीमारियों अपने आप ठीक हो गई, मरी हुई कोशिकाएं जीवित हो उठी। ओमकार मंत्र एक चमत्कारी मंत्र है।

बापू ने कहा कि संत दर्शन और सत्संग से श्रद्धालुओं को अद्भुत लाभ होता है जिसका वर्णन शब्दों में संभव नहीं है| उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शबरी ने गुरु कि आज्ञा मानी तो उन्हें स्वयं भगवान राम ने दर्शन दिए। मीराबाई, संत तुकाराम सशरीर भगवान की मूर्ति में समा गए|

उन्होंने कहा कि गुरु की सेवा से चौरासी योनियों का चक्कर छूट जाता है।

"गुरु पूर्णिमा भगवान वेदव्यास के पूजन का दिन है। गुरुपूर्णिमा के दिन साधक को अपने गुरु का ध्यान कर वर्ष भर में जितनी भी गलतियां हुई हैं उन्हें स्वीकार करते हुए उनका पश्चाताप करते हुए दृढ़ विश्वास के साथ धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए। गुरु पूर्णिमा का पर्व साधक को अपने जीवन में साधना के प्रति सचेत करने का पर्व है।"

सत्संग स्थल पर बापू ने विभिन्न यौगिक क्रियाएं सिखाई। क्रियाओं के अलावा उन्होंने मानसिक तनाव, पेट के रोग जैसे रोगों को ठीक करने वाले, व्यक्तित्व विकास में स्तंभ सिद्ध होने वाली थलबस्ती नामक क्रिया करयाई ।

सत्संग में श्रद्धालुओं को दिव्य औषधि संजीवनी प्रसाद स्वरूप बटवाई गई। आश्रम के मीडिया प्रभारी डॉ. सुनील वानखेड़े ने जानकारी दी कि सत्संग स्थल पर दूरदराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं व स्थानीय सत्संग आयोजन समिति के निवेदन पर बापूजी ने गुरुवार को सुबह मंत्र दीक्षा देने की स्वीकृति प्रदान की है।

विद्यार्थियों को बुद्धि व स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा, बड़ों को गुरु मंत्र की दीक्षा दी जाएगी।

Also Read...


    This News is Often associated with below Tags!


    Humanize the Effort!

    Do you think its helpful for you?
    You can help others too. Simply click below buttons to Tweet, Share or Send this on Twitter,Facebook, Whatsapp or Telegram. It's Free!