Bhandara Program at Hongirana Orphanage, Ullal-Upnagar.
News Coverage
News Summary
Bhandara Program at Hongirana Orphanage, Ullal Upnagar, Bengaluru on 4th Nov 2023 by Sant Shri Asharamji Ashram Trust, Bengaluru. On the occasion of Deepavali festival our Trust of Sant Shri Asharamji Bapu Ashram have organized countless welfare activities past from a couple of years and the legacy charity continues to date.
Sant Shri Asharamji Bapu #Ashram #Bengaluru conducted Bhandara Sewa at Hongirana Seva Ashram, Ullal on 04.11.2023 to see Har Ghar Diwali #एक_दिवाली_ऐसी_भी
— Ashram Bengaluru🛕 (@AshramBlr) November 26, 2023
▶️ Media coverage- https://t.co/JwlB8VBWiY
🗞️News coverage- https://t.co/nITs29TMp4
🌐Event link- https://t.co/TQkMr9umX6 pic.twitter.com/MziRiofQEd
आश्रम ट्रस्ट ने दीपावली पर बांटे मिठाइयाँ और पटाखे, पा के खिल गये बच्चों के चेहरे..
बेंगलुरु: पूज्य बापूजी अपने सत्संग में बताते हैं कि- खुशियों के दीपों से सुसज्ज्ति हो सारा संसार, विश्व कल्याण मन आँगन में भर दे उजाला ये दीपों का त्यौहार। सबका मंगल सबका भला चाहने वाले पूज्य बापूजी की सत्प्रेरणा से संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट व उनके सेवाधारियों के सहयोग से प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दीपावली के पूर्व उल्लाल उपनगर, बेंगलुरु में स्थित सुप्रभा ट्रस्ट द्वारा संचालित होंगिराना अनाथाश्रम में बच्चों के लिए बालसंस्कार के साथ भंडारे का आयोजन किया। ट्रस्ट वालों ने बताया कि सैकड़ों जरूरतमंद बच्चें हर्षोल्लास के साथ दीपावली मना सके, उसके लिए मिठाई, फल, पटाखें, वस्त्र, दीपक, तेल, बाती, नमकीन पैकेट के साथ छोटे बच्चों को लेखन सामग्री और सत्साहित्य आदि का भी वितरण किया गया एवं हरिनाम संकीर्तन कराते हुए बच्चों में सुसंस्कारों का सिंचन किया गया।
परोपकार अर्थात दूसरों का भला करना ही धर्म है। पर उपकार बचन मन काया। संत सहज सुभाउ खगराया॥ सत्य, दया- करुणा, क्षमा, धैर्य, स्वार्थ त्याग जैसे गुण विकसित होने पर ही आप परहित कर सकते हो। जिसने अपने पर उपकार नहीं किया ऐसा व्यक्ति पराएँ पर उपकार कर ही नहीं सकता, सभी में परोपकार करने की पात्रता नहीं होती है। जिनको अपना कोई स्वार्थ नहीं है और जो पूर्ण निष्काम है, वे ही परोपकार कर सकते है। रामचरित मानस में तो साफ- साफ कहा है- स्वारथ मीत सकल जग माहीं। सपनेहुँ प्रभु परमारथ नाहीं॥ सुर नर मुनि सब कै यह रीती।
सेवाधारियों ने बताया कि- दीपावली से पूर्व बेंगलुरु की ही तरह देशभर की समितियों व आश्रमों द्वारा भी हर वर्ष दुर्गम ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में जरूरतमंदों के बीच जाकर उन्हें गर्म भोजन के साथ मिठाई फल आदि कई तरह की दैनिक उपयोग की राहत सामग्री वितरित की जाती है। भोजन- प्रसादी के बाद दैनिक उपयोग की राहत सामग्री मिलने से उनके चेहरे खुशी से खिल उठें।
Also Read...
This News is Often associated with below Tags!
Humanize the Effort!
Do you think its helpful for you?
You can help others too. Simply click below buttons to Tweet, Share or Send this on Twitter,Facebook, Whatsapp or Telegram. It's Free!