Tulsi Pujan- 2023 at Bangalore Ashram.

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News Coverage

News Summary

With the inspiration of Sant Shri Asharamji Bapu, Havan, Tulsi Pujan events conducted at Bengaluru Ashram on 24th Dec 2023 (Sunday).

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बेंगलुरु आश्रम में सम्पन्न हुआ- सामूहिक तुलसी पूजन कार्यक्रम

बेंगलुरु: संत आशारामजी ट्रस्ट, बेंगलुरु के तत्वाधान में 24 दिसम्बर (रविवार) को पर्यावरण सुरक्षा परियोजना के तहत बेंगलुरु आश्रम में 25 दिसम्बर- सामूहिक तुलसी पूजन दिवस निमित्त के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं ने खूब बढ़-चढ़ कर भाग लिया। जिसमें उन्होंने पतित पावनी तुलसी माता का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। आश्रम द्वारा बताया गया की- तुलसी का पत्ता-मंजरी, मूल, शाखा, छाल- तना और मिट्टी सभी पावन है। तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है। यह गर्म व त्रिदोषशामक है। रक्तविकार, ज्वर, वायु, खांसी एवं कृमि निवारक है तथा हृदय के लिए हितकारी है। राम तुलसी के सेवन से त्वचा, मांस और हड्डियों के रोग दूर होते हैं। श्याम तुलसी के सेवन से सफेद दाग दूर होते हैं। तुलसी की जड़ और पत्ते ज्वर में बहुत उपयोगी होते हैं। प्रकृति के सम्पूर्ण पत्रों और पुष्पों को भगवान के चरणों मे चढ़ाने से जो फल मिलता है, वहीं फल एकमात्र तुलसीदल के अर्पण करने से प्राप्त हो जाता हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बताया गया कि- पूर्वकाल में घर-घर में तुलसी, गीता, गौमाता भारतीय संस्कृति की ये धरोहरें विद्यमान होती थीं, जिससे लोग स्वस्थ, प्रसन्न व शांत रहते थे लेकिन धीरे-धीरे इन्हें घरों से बेघर कर दिया गया जिसके कारण समाज रोगग्रस्त व अशांत होने लगा। वर्तमान समय में इस अशांति ने ऐसा विकराल रूप धारण किया कि वर्ष के अंतिम दिनों में होनेवाली आपराधिक प्रवृत्तियों, आत्महत्याओं में विशेषरूप से बढ़ोतरी होने लगी। इसका प्रमुख कारण था 25 दिसम्बर से 1 जनवरी के बीच पाश्चात्य संस्कृति के अनुकरण से समाज में बढ़ती दुष्प्रवृत्तियाँ, जैसे मांसाहार, शराब सेवन आदि । इन्ही सब के निवारण हेतु आश्रम द्वारा संस्कृति संरक्षण के कार्यक्रम का आयोजन हुआ । विश्व शांति हवन के पश्चात् श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से तुलसी माता का विधिवत पूजन करने के साथ आरती की। भूले-भटके, नीरस समाज को सच्ची राह मिले व जनजीवन में सरसता, सात्त्विकता, आरोग्य, प्रभुप्रीति आदि का प्रादुर्भाव हो इस उद्देश्य से 2014 में ही ब्रह्मवेत्ता संत पूज्य बापूजी ने 'विश्वगुरु भारत कार्यक्रम' का अनुपम उपहार समाज को दिया। इस मौके पर अंत में ट्रस्ट की तरफ़ से भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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